ॐ
गीता की कुछ शब्दावली - २१
युद्ध्यस्व विगत ज्वरः । (अध्याय ३ - श्लोक ३०)
யுத்யஸ்வ விகத ஜ்வரஹ . (அத்யாயம் 3 - ஸ்லோகம் 30)
Yuddhyasva Vigata Jwarah.. (Chapter 3 - Shlokam 30)
अर्थ : ज्वर से मुक्त हो और युद्ध मे लगो |
ज्वर से शरीर की उष्णता बढती है | शरीर के अङ्ग शिथिल होते हैं | मन की एकाग्रता बिगडती है | बुद्धी स्तब्ध होती है | शारीरिक क्रियायें मन्द होते हैं | ज्वर युक्त शरीर के लिये युद्ध मे लगना असंभव हो जाता है | गीता युद्ध भूमि पर बोली जा रही है | अतः यहां श्री कृष्ण युद्ध शब्द का प्रयोग है और सुझाते हैं की "ज्वर से मुक्त हो जाओ और युद्ध मे लागो" | मन मे वैर भावना, क्रोध, बदला लेने का आक्रोश के बिना युद्ध मे लगने वाले योद्धाओं मे सब से ज्वलन्त उदाहरण है श्री राम का | समीप काल के राजनेताओं मे श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने द्वेश और क्रोध रहित राजनीति करने का सफल प्रयास किया | ज्वर युक्त शरीर से कोई भी कार्य असंभव है | युद्ध करने या कोई शारीरिक क्रिया करने ज्वर से मुक्त होना आवश्यक है |
ज्वर शब्द का यहां उल्लेख करते हुए श्री कृष्ण शारीरिक ज्वर की नहीं बल्कि मन के ज्वर की चर्चा कर रहे हैं | काम और क्रोध ये दो प्रमुख ज्वर हैं जो मन को पीडित करते हैं | मन मे पीडित होने वाले ये ज्वर शरीर, मन एवम् बुद्धि तीनों पर अपना प्रभाव उत्पन्न करते हैं | शरीर के अङ्ग कमजोर होते हैं | शारीरिक सहज क्रियाये असंभव हो जाते हैं | मन पर इनका पकड दृढ होता है .| मन पर ये हावी हो जाते हैं | फलस्वरूप जीवन के मधुर एवम् हर्षोत्साह प्रदायी विषयों का आनन्द लेने मे मन असमर्थ हो जाता है | चिन्तन प्रक्रिया स्तब्ध हो जाती है |
शरीर के ज्वर शरीर मे विषैली रसायन छोड जा सकते हैं | ये तो आसानी से निकाले भी जा सकते हैं | परन्तु मन पर जब काम और क्रोध नामक ज्वर हावी होते हैं तब शरीर मे तो विषैली रसायन फैलाते ही हैं | मन मे भी विषैली और नाशकारी भावनायें छोड जाते हैं जिन्हें हटाना भी कठिन है | मन की ज्वर-युक्त अवस्था मे किये हुए कर्म संपूर्ण जीवन को पश्चाताप मे खो देने का कारण बन सकते हैं | काम और क्रोध इन ज्वरों से युक्त इस संसार के अधिकांश पाप कर्मों के लिये कारण रहा है | .काराग्रहों मे बन्द कैदियों मे अधिकांश, उनमे भी उमर कैदी वे ही हैं जिन्हों ने मन की ज्वर्-युक्त अवस्था मे कुछ कर दिया | अतः श्री कृष्ण कह रहे हैं की "युद्ध्यस्व विगत ज्वरः याने ज्वर से मुक्त हो जाओ और युद्ध मे लगो |
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