ॐ
गीता की कुछ शब्दावली - १७९
बहिरन्तश्च भूतानाम् अचरं चरमेव च दूरस्थं चान्तिके च तत् .. (अध्याय १३ - श्लोक १५)
பஹிரந்தஶ்ச பூதானாம் அசரம் சரம் ஏவ ச தூரஸ்தம் சாந்திகேச தத் .. (அத்யாயம் 13 - ஶ்லோகம் 15)
Bahiranthashcha Bootaanaam Acharam Charameva cha Doorastham Chaantike Cha Tat .. (Chapter 13 - Shlokam 15)अर्थ : सम्पूर्ण प्राणियों के अन्दर बाहर स्थित हैं श्री परमेश्वर । दूर भी हैं और पास भी ।
चर वे जीव हैं जो विचरते हैं । एक स्थान से अन्य स्थान पहुँचते हैं । प्राणी , पक्षी और मनुष्य चर हैं । अचर वे जीव हैं जो विचरते नहीं , अपने ही स्थान पर स्थिर रहते हैं । पौधे , वृक्ष , लता आदि .. इन सभी जीवों श्री परमात्मा स्थित हैं । क्रिस्ती सम्प्रदाय विपरीत विचार की घोषणा करती है । आम हिन्दुओं को मतान्तरण करने के अपने प्रयत्न में ख्रिस्ती प्रचारक इसी विचार का प्रयोग करते हैं । "क्या वृक्ष , प्राणी और पक्षी दैवी हो सकते हैं ?" वे पूँछते और हिन्दुओं को भ्रमित करने का प्रयत्न करते । हिन्दू धर्म की ख्रिस्ती विचार से कोई तुलना नहीं । यह तो ऊँचाई पर विराजमान है और ख्रिस्ती मत अभी शैशव अवस्था में है ।
श्री परमात्मन चर , अचर सर्व जीवों में स्थित है । उसके अस्तित्त्व के कारण ही जीव जीते हैं और अनेक प्रकार के क्षमता दर्शाते हैं । जीवों के बाहर भी वह है । सृष्टि के कण कण में वह है । नदी , पर्वत , भूमि , सूर्य , चंद्र आदि सभी में वह है । ये जड़ प्रतीत होते हैं परन्तु इनके कण कण में श्री परमात्मा स्थित है ।
श्री परमात्मन अति समीप हैं । अति दूर भी । इस सृष्टि में दूर दूर तक उनका व्याप है । दूर हम उसे पुकारते तत्क्षण वे प्रकट होते हैं । वे अति निकट हैं । हम संसारी आकर्षणों में मग्न हो तो उनका सामीप्य नष्ट हो जाता है और वे दूर हो जाते हैं ।
श्री परमात्मन चर , अचर सर्व जीवों में स्थित है । उसके अस्तित्त्व के कारण ही जीव जीते हैं और अनेक प्रकार के क्षमता दर्शाते हैं । जीवों के बाहर भी वह है । सृष्टि के कण कण में वह है । नदी , पर्वत , भूमि , सूर्य , चंद्र आदि सभी में वह है । ये जड़ प्रतीत होते हैं परन्तु इनके कण कण में श्री परमात्मा स्थित है ।
श्री परमात्मन अति समीप हैं । अति दूर भी । इस सृष्टि में दूर दूर तक उनका व्याप है । दूर हम उसे पुकारते तत्क्षण वे प्रकट होते हैं । वे अति निकट हैं । हम संसारी आकर्षणों में मग्न हो तो उनका सामीप्य नष्ट हो जाता है और वे दूर हो जाते हैं ।
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