ॐ
गीता की कुछ शब्दावली - २३४
यक्ष रक्षांसि (यजन्ते) राजसाः .. (अध्याय १७ - श्लोक ४)
யக்ஷ ரக்ஷாம்ஸி (யஜந்தே) ராஜஸா .. (அத்யாயம் 17 - ஶ்லோகம் 4)
Yaksha Rakshaamsi (Yajante) Raajasaa .. (Chapter 17 - Shlokam 4)
अर्थ : राजसी व्यक्ति यक्ष राक्षसों की पूजा करता है ।
राजस या रजो गुण प्रकट करने वाला प्रधान वृत्ति "कर्म करने की तीव्र लालसा" । "सुख भोग के प्रति राग" यह भी रजो गुण के कारण प्रकट वृत्ति है । प्रचंड आकार में बढ़ी हुई 'मैं' या 'अहम्' भावना यह भी रजो गुण की एक वृत्ति है ।
किसी एक की रुचियाँ , उपासना और अन्य सभी कर्म उसके स्वभाव के अनुसार ही होते हैं । श्री कृष्ण के कथनानुसार रजो गुण प्रधान व्यक्ति यक्ष राक्षसों की उपासना करता है । कुबेर यक्ष है । धन के भण्डार का रक्षण करने वाला कुबेर है । यक्ष सुख भोग के साधनों पर अधिकार जताते हैं । राक्षस प्रचंड रूप में फूगा 'मैं' के साथ विचरते हैं । अतः रजो गुणी इनकी पूजा उपासना करता है तो क्या आश्चर्य !!
अपने आस पास संसार में अपार धनवान , खेलों में नाम और पैसा कमाने वाले खिलाड़ी , जुडो , कराटे , बॉडी बिल्डिंग (Body - Building) , बॉक्सिंग (Boxing) , मल्ल युद्ध या कुश्ती , आकाश से कूदना , पर्वतारोहण आदि साहसी खेल खेलनेवाले , अत्याधिक वेग से गाड़ियाँ चलाने वाले आदि को रजो गुणी पूजता है । हिंसा , लूट , तस्करी , हत्या आदि अवैध कार्यों में लगे , पत्रिका और चैनलों द्वारा हीरो जैसे प्रचार किये गए व्यक्तियों की पूजा करता है रजो गुणी । चन्दन तस्कर , रेत तस्कर , अवैध रूप से वृक्ष काटने वाले , अवैध रूप से नैसर्गिक सम्पदा को लूटने वाले , चिट फंड्स जैसे माध्यम से समाज को ठगने वाले आदि के बारे में बड़ी दिलचस्पी से पढ़ता है रजो गुणी । रजो गुणी इन जैसों के बारे में प्रकाशित समाचार , कहानियॉ , किम वदन्तियाँ आदि को बड़े लगाव से पढ़ता है । उनकी चर्चा में समय बिताता है । आज के युग में पत्रिकायें और टी वी चैनल इन्हीं रजो गुणी के आधार पर जीवित हैं , पोषित हैं और कोटि कोटि का व्यापार में लगे हुए हैं ।
किसी एक की रुचियाँ , उपासना और अन्य सभी कर्म उसके स्वभाव के अनुसार ही होते हैं । श्री कृष्ण के कथनानुसार रजो गुण प्रधान व्यक्ति यक्ष राक्षसों की उपासना करता है । कुबेर यक्ष है । धन के भण्डार का रक्षण करने वाला कुबेर है । यक्ष सुख भोग के साधनों पर अधिकार जताते हैं । राक्षस प्रचंड रूप में फूगा 'मैं' के साथ विचरते हैं । अतः रजो गुणी इनकी पूजा उपासना करता है तो क्या आश्चर्य !!
अपने आस पास संसार में अपार धनवान , खेलों में नाम और पैसा कमाने वाले खिलाड़ी , जुडो , कराटे , बॉडी बिल्डिंग (Body - Building) , बॉक्सिंग (Boxing) , मल्ल युद्ध या कुश्ती , आकाश से कूदना , पर्वतारोहण आदि साहसी खेल खेलनेवाले , अत्याधिक वेग से गाड़ियाँ चलाने वाले आदि को रजो गुणी पूजता है । हिंसा , लूट , तस्करी , हत्या आदि अवैध कार्यों में लगे , पत्रिका और चैनलों द्वारा हीरो जैसे प्रचार किये गए व्यक्तियों की पूजा करता है रजो गुणी । चन्दन तस्कर , रेत तस्कर , अवैध रूप से वृक्ष काटने वाले , अवैध रूप से नैसर्गिक सम्पदा को लूटने वाले , चिट फंड्स जैसे माध्यम से समाज को ठगने वाले आदि के बारे में बड़ी दिलचस्पी से पढ़ता है रजो गुणी । रजो गुणी इन जैसों के बारे में प्रकाशित समाचार , कहानियॉ , किम वदन्तियाँ आदि को बड़े लगाव से पढ़ता है । उनकी चर्चा में समय बिताता है । आज के युग में पत्रिकायें और टी वी चैनल इन्हीं रजो गुणी के आधार पर जीवित हैं , पोषित हैं और कोटि कोटि का व्यापार में लगे हुए हैं ।
Comments
Post a Comment