ॐ
गीता की कुछ शब्दावली - २६५
यत्तु कामेप्सुना कर्म साहङ्कारेण वा पुनः क्रियते बहुलायासम् तत् कर्म राजसम् (अध्याय १८ - श्लोक २४)
யத்து காமேப்ஸுனா ஸாஹங்காரேண க்ரியதே பஹுலாயாஸம் தத் கர்ம ராஜஸம் .. (அத்யாயம் 18 - ஶ்லோகம் 24)
Yattu Kaamepsunaa Karma Saahankaarena Vaa Punah Kriyathe Bahulaayaasam Tat Karma Raajasam (Chapter 18 - Shlokam 24)
अर्थ : तीव्र इच्छा के साथ , अहंकार के साथ , बहु प्रयास से किया जाने वाला कर्म राजसी है ।
रजो गुणी द्वारा व्यक्त कर्म राग युक्त होता है । अहङ्कार के साथ किया जाता है । इसी कारण भारी और थकाने वाला लगता है ।
राग , तीव्र राग राजस का प्रधान लक्षण है । कर्म के प्रति राग , फल के प्रति राग । रजो गुण प्रधान व्यक्ति के कर्मों में भी यह प्रकट होता है ।
राजस का दूसरा लक्षण है अहङ्कार । 'कर्ता मैं हूँ' यह भाव प्रखर रूप से रजो गुणी में दीखता है । "मैं ही कर्ता" ; "मैं यदि करता नहीं तो ??" ; "मेरे अलावा और कौन करेगा ?" आदि रूप में अहङ्कार उसके कर्मों में प्रकट होता है ।
कर्म के प्रति राग है तो परिणाम से कर्म सुचारु रूप से किये जाने की चिन्ता जगती है । फल के प्रति राग है तो परिणाम से फल प्राप्ति की चिन्ता उत्पन्न होकर कार्य कुशलता , क्षमता को घटाता है । "मैं ही कर्ता हूँ" यह अहंकार कायम को भारी बना देता है । कर्म जो उत्साह से , आनंद से किया जाना चाहिये , वह बहु प्रयास से किया जाता है और शारीरिक और मानसिक थकान प्रदान करता है ।
रजो गुणी द्वारा व्यक्त कर्म राग युक्त होता है । अहङ्कार के साथ किया जाता है । इसी कारण भारी और थकाने वाला लगता है ।
राग , तीव्र राग राजस का प्रधान लक्षण है । कर्म के प्रति राग , फल के प्रति राग । रजो गुण प्रधान व्यक्ति के कर्मों में भी यह प्रकट होता है ।
राजस का दूसरा लक्षण है अहङ्कार । 'कर्ता मैं हूँ' यह भाव प्रखर रूप से रजो गुणी में दीखता है । "मैं ही कर्ता" ; "मैं यदि करता नहीं तो ??" ; "मेरे अलावा और कौन करेगा ?" आदि रूप में अहङ्कार उसके कर्मों में प्रकट होता है ।
कर्म के प्रति राग है तो परिणाम से कर्म सुचारु रूप से किये जाने की चिन्ता जगती है । फल के प्रति राग है तो परिणाम से फल प्राप्ति की चिन्ता उत्पन्न होकर कार्य कुशलता , क्षमता को घटाता है । "मैं ही कर्ता हूँ" यह अहंकार कायम को भारी बना देता है । कर्म जो उत्साह से , आनंद से किया जाना चाहिये , वह बहु प्रयास से किया जाता है और शारीरिक और मानसिक थकान प्रदान करता है ।
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