ॐ गीता की कुछ शब्दावली - ४० परि प्रश्नेन (अध्याय ४ - श्लोक ३ ४ ) பரி ப்ரஶ்னேன (அத்யாயம் 4 - ஶ்லோகம் 34) Pari-Prashnena (Chapter 4 - Shloka 34) अर्थ : प्रश्न पूछो। ... प्रश्न पूछो | यह भी भारत का संपूर्ण मानव समुदाय के लिये विशेष देन है | प्रश्न पूछो | ज्ञान प्राप्ती करने हेतु | सामनेवाला कितना हे बडा व्यक्तिमत्त्व ही क्यूँ न हो | मैं गत चालीस वर्षों से विद्यार्थियों के साथ वार्ता करता आया हूँ | कई ऐसे विद्यार्थियों को मिला हूँ जो प्रश्न पूछते हैं केवल वक्ता को नीचा दिखाने के प्रयास मे | प्रश्न पूछते हैं केवल सह विद्यार्थियों के "वाह ! वाह !" के लिये | उस प्रश्न के लिये दिये जाने वाले उत्तर मे उनकी रुची नहीं | "बस | प्रश्न पूछना और हीरो बन जाना" अहङ्कार के साथ हाथ बान्धकर आने वाले प्रश्न हैं ये | श्री कृष्ण का सुझाव भिन्न है | "प्राधान्यता प्रश्न पूछने की नहीं | ज्ञान प्राप्ती की | बुद्धी के संदेह मिटाने की | उस हेतु प्रश्न पूछने की आवश्य...
राम गोपाल रत्नम्